मध्य प्रदेश में साइबर तहसील की होगी स्थापना

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भोपाल । मध्य प्रदेश में अब भूमि के अविवादित नामांतरण के प्रकरण का तेजी के साथ निराकरण करने के लिए साइबर तहसील की स्थापना की जाएगी। इसमें क्रेता और विक्रेता को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आनलाइन उपस्थित को मान्य किया जाएगा। आपत्ति नहीं होने पर तहसीलदार नामांतरण आदेश पारित कर देंगे। इसी तरह गौण खनिज के अवैध खनन से जुड़े मामलों में अब राजस्व की जगह खनिज विभाग की कार्रवाई करेगा। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भू-राजस्व संहिता में संशोधन के लिए विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। इसके साथ ही शाजापुर में 25 नवंबर को डेढ़ हजार मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क का शिलान्यास किया जाएगा। इससे उत्पादित एक हजार 307 मेगावाट बिजली सरकार खरीदेगी।

राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि भूमि के अविवादित नामांतरण के मामले क्रेता और विक्रेता की भौतिक उपस्थिति नहीं होने की वजह से लंबित रहते हैं। इसकी वजह से क्रेता को परेशानी उठानी पड़ती है। इसे देखते हुए प्रदेश में साइबर तहसील की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अलग से तहसीलदार नियुक्त होगा। दो जिलों को मिलकर एक साइबर तहसील बनाई जा सकती है। इसमें अविवादित नामांतरण के मामले में क्रेता और विक्रेता को तहसीलदार नोटिस जारी करेंगे। दोनों आनलाइन उपस्थित होकर नामांतरण पर यदि सहमति देते हैं तो तहसीलदार प्रक्रिया का पालन करते हुए नामांतरण संबंधी आदेश पारित कर देंगे।

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