नई दिल्ली : 22 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं के एक के बाद एक विवादित बयान पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। सलमान खुर्शीद, मणिशंयर अय्यर और राशिद अल्वी के बाद ताजा नाम मनीष तिवारी का है। Manish Tewari ने 26/11 के मुंबई हमलों पर एक किताब लिखी है और इसमें तब की अपनी पार्टी की अगुवाई वाली मनमोहन सिंह सरकार को कमजोर बताया है। Manish Tewari ने लिखा है कि मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करना कमजोरी की निशानी है। कांग्रेस नेता ने वकालत की कि तब यूपीए सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना थी। Manish Tewari की इस किताब का विमोचन आने वाले दिनों में होगा। यानि यह मुद्दा अभी और गर्माएगा।
‘जब किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों के कत्लेआम करने का कोई खेद नहीं तो संयम ताकत की पहचान नहीं, बल्कि कमजोरी की निशानी मानी जाती है। 26/11 ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखने की जरूरत थी। यह वैसा ही हमला था, जैसा अमेरिका पर 9/11 को हमला। भारत को भी तीव्र जवाबी कार्रवाई करना थी।’
Manish Tewari ने भाजपा को दे दिया मौका
भाजपा ने मनीष तिवारी की लिखी बातों को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, ‘मनीष तिवारी जो बात कह रहे हैं वो सारी दुनिया को मालूम है कि कांग्रेस पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाती है। राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार हर मुद्दे पर पाकिस्तानी की लाइन बोलते हैं, चाहे हिंदुत्व हो, 370 और सर्जिकल स्ट्राइक हो। आज जब हम 26/11 की 13वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं तो कांग्रेस को हमें यह बताना चाहिए कि 26/11 के बाद की कड़ी प्रतिक्रिया को किसने या किसने रोका, जैसा कि हमने उरी और पुलवामा के बाद देखा था। कांग्रेस की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है।