भोपाल। याचिका आपकी थी, ओबीसी के आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव हमारी सरकार करा रही थी। आप कोर्ट क्यों गए। आपको क्या तकलीफ थी। अगर अध्यादेश जारी किया था, वह संविधान के प्रावधान के अनुरूप था। ऐसा नहीं होता तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट रोक देती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस के मित्रों ने अध्यादेश रोकने का प्रयास किया, वह सफल नहीं हुआ। इसी याचिका पर यह फैसला आया है याचिका आपने लगाई थी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में ओबीसी आरक्षण पर विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव के जवाब में कही।
सीएम ने कांग्रेस नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि कमल नाथ जी कह रहे थे रोटेशन की बात। ओबीसी आरक्षण का विरोध नहीं किया लेकिन चक्रानुक्रम आरक्षण का विरोध किया। यह ओबीसी आरक्षण का ही विरोध है। जब किसी पक्षकार के विरूद्ध प्रतिकूल ओदश आता है तो वह कोर्ट नही जाता। आप क्यों नही गए ? सामाजिक न्याय और समरसताहमारी सरकार की नीति रही है। इसलिए चाहे मामला ओबीसी,अनुसूचित जाति जनजाति का मामला हो या सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का, तो भाजपा ने दिया।
उन्होंने कहा कि जहां तक ओबीसी का सवाल है मैं पहले ही यह प्रतिबद्धता जाहिर करता हूं कि पिछड़े वर्ग के कल्याण में न तो कोई कसर छोड़ी है न छोड़ी जाएगी। मैं प्रधानमंत्री जी को आभार देना चाहता हूं कि जिन्होंने नीट की परीक्षा में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया। इससे हजारों विद्यार्थियों को फायदा होगा। पिछड़े वर्ग के कल्याण की ऐतिहासिक पहल करते हुए पहली बार प्रधानमंत्री जी ने पिछड़ेे वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। उसका अनुसरण प्रदेश की सरकार ने भी किया।
शिवराज के सवाल- 10 मार्च 2019 को उधा न्यायालय में पिटीशन दायर की गई। 19 मार्च 2019 को केस की सुनवाई हुई । लेकिन आपके महाधिवक्ता सुनवाई में उपस्थित नहीं थे। क्यों
-उस स्टे के खिलाफ आपने क्या किया। क्या, आप हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे
– आपके शासन काल में एक भी नौकरी नहीं मिली ओबीसी वर्ग को आरक्षण से।
-कांग्रेस सरकार ने स्वयं कोर्ट में जाकर पूछा कि क्या ये स्थगन पीएससी पर भी लागू होगा और इसी आधार पर कोर्ट ने लोकसेवा आयोग ने 27आरक्षण पर स्टे दे दिया। आपने पीएससी का आरक्षण भी खत्म करवा दिया।क्यों ।
-27 प्रतिशत आरक्षण शासकीय सेवा में मिले उसके लिए हम प्रतिबद्ध है।
– पहले मैरिट के आधार पर ओबीसी का कोई बधाा सिलेक्ट हो जाता था तो वह 14 प्रतिशत आरक्षण की श्रेणी में नहीं आता था। आपकी सरकार ने नियम क्यों बदला।
– उधातर माध्यमिक शिक्षक की परीक्षा के लिए ओबीसी के लिए विज्ञापित
2757 पदों में से 2219 पदों में 27 प्रतिशत के मान से आदेश जारी किए।माध्यमिक शिक्षा के 1138 पदों में से 807 की भर्ती हुई। आपकी सरकार का ब्योरा दें।
-हमारी सरकार ने जितनी योजनाएं चालू की थी या तो आपने बंद कर दीं, क्यों?