फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स यानी FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फ़ैसला किया है. इसके साथ ही पाकिस्तान के अहम सहयोगी तुर्की को भी इस लिस्ट में डाल दिया गया है.
इमरान ख़ान की सरकार के लिए यह दोहरा झटका है क्योंकि पाकिस्तान FATF की ब्लैकलिस्ट में जाने से बचने के लिए तुर्की पर भी निर्भर रहता था. तुर्की ने इससे पहले पाकिस्तान को FATF में ब्लैकलिस्ट होने से बचाया था.
जॉर्डन और माली को भी ग्रे लिस्ट में डाला गया है. बोत्सवाना और मॉरिशस को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है.
तुर्की के राजस्व मंत्रालय ने कहा है कि FATF की लिस्ट में उसे शामिल किया जाना पूरी तरह से अनुचित फ़ैसला है. राजस्व मंत्रालय ने कहा है कि तमाम सहयोग के बावजूद उसे ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया है. तुर्की 1991 से ही FATF का सदस्य है.
FATF ने इस आरोप से इनकार किया है कि भारत के दबाव में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया जा रहा है. FATF प्रमुख मार्कस प्लीयर ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ”पाकिस्तान प्रतिबंधित आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के ख़िलाफ़ जाँच के साथ कार्रवाई करे. एक्शन प्लान 2019 के तहत पाकिस्तान आतंकवादियों पर नकेल कसे. पाकिस्तान ने 34 में से 30 एक्शन पॉइंट पूरे कर लिए हैं.”